धार्मिक आस्था से सरोबार हजारों श्रद्धालुओं ने नारायणी नदी में लगाई डुबकी
#रिपोर्ट: प्रेम सागर चौबे
निचलौल, महराजगंज
आज कार्तिक पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा व गुरुनानक जयंती के पावन और अद्भुत संयोग पर धार्मिक आस्था रखने वाले श्रद्धालु, पवित्र मन से माँ पतित पावनी, सबके कष्टों को समभाव से क्षण मात्र में दूर करने वाली व अपने शीतल पवित्र जल से धरती की प्यास बुझाने वाली नारायणी के विभिन्न घाटों पर स्नान, ध्यान, व सामर्थ्यानुसार दान देकर ज्ञात और अज्ञात पापों का नास करने के लिए तथा अपना लोक व परलोक सवारने के लिए माँ नारायणी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने तथा सर्वकल्याण हेतु प्रार्थना, अर्चना व बन्दना किया।
निचलौल परिक्षेत्र के समीप ठाढ़ी घाट, पनिहवाँ, त्रिवेणी, गजेन्द्र मोक्ष धाम आदि नारायणी घाटों पर श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियो का ताँता लगा रहा। इस दौरान भारत-नेपाल के सीमावर्ती गाँवों तथा दूर-दूर के श्रद्धालुओं ने स्थान की महता के कारण इस आस्था के संगम में अपनी-अपनी भागीदारी की और पुण्य का लाभ कमाया। आज के इस कार्तिक मास के शुक्लपक्षीय पूर्णिमा पर पवित्र व मोक्षदायिनी नारायणी में स्थान, दीपदान, भगवान की पूजा, आरती हवन व दान का विशेष महत्व होता है। आज के ही दिन भगवान विष्णु के मत्स्यावतार लेने के कारण सृष्टि की शुरुआत होने से देव दीपावली भी मनाते हुए विभिन्न पतित पावनी के पवित्र घाटों पर दीपोत्सव मनाया जाता है। इस विहंगम मेले में कुस्ती का आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।