पिड़िया व्रतधारी बहन –बेटियों ने हर्षोल्लास पूर्वक किया अपने पीडिया व्रत का समापन
रिपोर्ट: महेश राव जिला संवाददाता
गोवर्धन(गोधन) पूजा के बाद उसके गोबर से आस्था की प्रतीक पिड़िया बनाकर समूह में महीने भर नित्य एक साथ बैठकर पिड़िया की पारंपरिक गीतों जैसे "खोरी नदियवा राधे दहिया रे जमावें हरि –हरि अमृत डालेली जोरनवा ये हरी ,महादेव चलेलें गुड़ के लदनिया धतूर के लदनिया बिचही बरसि गइलें देव सदाशिव ,मोहि तुहसे पुछिले भैया हो कवन भैया पीडिया लगवले कवन फल होला " इत्यादि को गाकर बीच में कई बार नदी में स्नान कर बालिकाओं एवं स्त्रियों द्वारा महीने के अंतिम दिन व्रत रखा जाता है। उसके दूसरे दिन समूह में एक साथ नदियों में जाकर सम्मान पूर्वक पिड़िया को विसर्जित किया जाता है।ऐसी मान्यता है कि उपरोक्त व्रत धारण करने से मन वांछित फल की प्राप्ति होती है।आज दिनांक 25/11/2022 दिन शुक्रवार को संपूर्ण जिले में धूमधाम एवं अति उत्साह के साथ पिड़िया व्रत का समापन दिवस मनाया गया। उपरोक्त व्रत के समापन दिवस के शुभ अवसर पर समूह में छितौनी बाजार एवं विभिन्न ग्राम सभाओं जैसे बालुवही, सिसवानिया, लोहरपार , बरवाद्वारिका , हरपुर पकड़ी , सेमरा, अतरडीहा, चैनपुर , सोनबरसा इत्यादि की महिलाएं वाद्य यंत्रों एवं नाच गानों के साथ छोटी गंडक के तट पर स्थित बेलवाघाट घाट के पवित्र जल में पिड़िया को विसर्जित करते हुए अपने व्रत का समापन किया।